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निवेश और ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

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  निवेश (Investment) और ट्रेडिंग (Trading) दोनों ही शेयर बाजार से जुड़े होते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य, रणनीति और समय सीमा अलग-अलग होते हैं। 1. समय अवधि: निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाता है (सालों तक)। ट्रेडिंग अल्पकालिक होती है, कुछ मिनटों, घंटों या दिनों में। 2. उद्देश्य: निवेशक कंपनी की ग्रोथ और डिविडेंड पर ध्यान देते हैं। ट्रेडर कीमतों के उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं।      3. जोखिम: निवेश अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है। ट्रेडिंग में ज्यादा जोखिम होता है। 4. रिसर्च तरीका: निवेश में फंडामेंटल एनालिसिस किया जाता है। ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग होता है। यदि आप स्थायी संपत्ति बनाना चाहते हैं तो निवेश सही विकल्प है। लेकिन अगर आपको मार्केट की चालें समझने का शौक है और आप जल्दी मुनाफा कमाना चाहते हैं तो ट्रेडिंग आपकी पसंद हो सकती है।

ट्रेडिंग क्या है? (What is Trading?)

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1. ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग का अर्थ है किसी वस्तु को कम कीमत पर खरीदकर अधिक कीमत पर बेचना। शेयर बाजार की दुनिया में, ट्रेडिंग का मतलब है शेयर, कमोडिटी, करेंसी या अन्य वित्तीय उपकरणों को कम समय में खरीदने और बेचने की प्रक्रिया जिससे मुनाफा कमाया जा सके। ट्रेडिंग में समय एक अहम भूमिका निभाता है। अधिकतर ट्रेडर उसी दिन के अंदर (इंट्राडे), कुछ दिनों (स्विंग), या हफ्तों तक पोजिशन बनाए रखते हैं। इसका उद्देश्य होता है – बाजार की छोटी-मोटी चालों से लाभ कमाना।                   ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। आप किसी ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जैसे Zerodha, Upstox, Angel One आदि के जरिए ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। हालांकि, ट्रेडिंग जोखिम से भरी होती है। इसके लिए तकनीकी ज्ञान, मार्केट की समझ, धैर्य और अनुशासन बेहद जरूरी है। इसलिए बिना सीखें ट्रेडिंग करना नुक़सानदेह हो सकता है।